द फॉलोअप नेशनल डेस्क
गोड्डा से बीजेपी सासंद निशिकांत दुबे ने आज संसद ये बोलकर सभी को चकित कर दिया कि झारखंड की बदल रही डेमोग्राफी के संबंध में अगर उनके आंकड़े सही नहीं साबित हुए तो वे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। सांसद ने कहा कि 2000 में झारखंड की जनसंख्या में आदिवासी 36% थे लेकिन अब यह सिर्फ 10% रह गई है। बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठ कर रहे हैं और आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं। दुबे ने आगे कहा, 25 सीटों में, मुस्लिम जनसंख्या केवल 5 वर्षों में लगभग 123% बढ़ गई है। अगर गलत साबित हुआ तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।
इधर, बीजेपी झारखंड के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्य में कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जो मुस्लिम बहुल हैं। वहां मतदाता की सूची में बढ़ोतरी हुई है। आरोप लगाया कि फर्जी तरीके से मतदाताओं के नाम बढ़ाए गए हैं। यदि जनसांख्यिकी में बदलाव होता है तो इससे लोकतंत्र को भी खतरा होगा। हमें इस खतरे का एहसास होना चाहिए। हमने चुनाव आयोग से इस मामले की जांच करने का अनुरोध किया है।
दूसरी ओर, बाबुलाल मरांडी के बयान पर झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा, "जिम्मेदार कौन है? राज्य सरकार तो जिम्मेदार नहीं होती। सीमा सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार का दायित्व बनता है। क्या इन्हीं 4 सालों में इस राज्य में जनसांख्यिकी में बदलाव आया है? क्या इससे पहले बदलाव नहीं आया?" बता दें कि डेमोग्राफी को लेकर बीजेपी ने चुनाव आयुक्त से मिलकर इसकी शिकायत की है और ज्ञापन सौंपा है।